9 जून 2024
कबीर कला संवाद जबलपुर
स्थान – यूथ हॉस्टल
9 जून को जबलपुर में कबीर कला संवाद का आयोजन किया गया जिसमें कबीर जनविकास समूह इन्दौर एवं ढाई आखर टिमरनी तथा नागरिक अधिकार मंच की सहभागिता से कला संवाद किया गया जिसमें प्रारम्भ कबीर के पदो पर नृत्य योग से प्रारंभ कार्यक्रम में 50 से अधिक साथीयों ने सहभागिता की चर्चा में मुख्यरूप से र्निगुण एवं संविधान पर चर्चा हुई जिसमें सभी ने अपने अपने विचार व्यक्त किये जिससे यह निष्कर्ष निकला की र्निगुण गायिकी एवं अन्य कलाओं से संविधान में वर्णित मूल्यों को आम लोगो को आसानी से समझाया जा सकता है । अंत में इस कला संवाद को आगे भी निरंतर करने की योजना बनाई गई।
16 जून 2019 :
कबीर के 500 वें परिनिर्वाण वर्ष पर
मोको कहाँ ढूंढे रे बंदे ।
कबीर के 500 वें परिनिर्वाण वर्ष पर कबीर जन विकास समूह मध्यप्रदेश, इंदौर के तत्वाधान में कबीर जन उत्सव 2019 का आयोजन मोको कहाँ ढूढे रे बंदे कृषि महाविद्यालय इंदौर के सभाग्रह में आयोजित किया गया।
कार्यक्रम का आरम्भ पौंध सिंचन से हुआ कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे पद्मश्री पी.एस. हार्डिया नेत्र रोग विशेषज्ञ उन्होंने बच्चों की शिक्षा,महिला उत्थान,अंधविश्वास जैसी सामाजिक कुरूतियों से लड़ने की बात कही। अपने नेत्र चिकित्सीय जीवन का उदाहरण देते हुए कहा कि डॉक्टर भगवान नहीं दूसरी मॉं होता हैं जो मरीज के दर्द को अपना दर्द समझता हैं। मुख्य वक्ता थे छत्तीसगढ से पधारे ‘’कबीर मर्मज्ञ मंगलदास मंगलम उन्होने कबीर के साधना पथ’’ का महत्व बताते हुए कहा कि कबीर ने जुलाह के रूप मे कपड़ो़ं का ताना बाना बुना और कार्य के निर्वाह के साथ समाज उत्थान के लिए रचनाओं का सृजन किया जो हर काल में प्रासंगिक हैं।
दुर्ग छत्तीसगढ़ से पघारे महावीर अग्रवाल ने कबीर की साँखियों का मर्म समझाते हुये खूब दाद लूटी, इसके पूर्व प्रीति सिंगार और साथियों ने उदय प्रकाश की कविता तानाबाना की नृत्यमय प्रस्तुति दी नृत्य निर्देशन प्रवीण जामरा ने किया कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉं एस.के. जैन प्रभारी डीन कृषि महाविघालय इन्दौर ने की ।
सांस्कृतिक सत्र –
सांस्कृतिक सत्र मे देवास जिले के बिसलखेडी टोंक खुर्द से पधारी युवा कबीर गायिका माया मालवीय एवं श्रीमति लीला बाई ने मालवी शैली में तम्बूर पर- इनका भेद बता मेरे अवधू……,धन्य तेरी करतार कला का पार कोई नही पाता हैं………,साहिब ने भाँग पिलाई……,कबीर पद प्रस्तुत करके दर्शकों को झूमा दिया ।
इसके बाद इन्दौर के प्रख्यात सूफी एंव कबीर गायक गुरूमीत सिंह डंग ने मन लागे मेरो यार फकीरी में……,सकल हंस मे राम विराजे……., क्या तन मांझता रें आखिर में मिट्टी मे मिल जाना………, अपनी संगीत मंडली के साथ प्रस्तुत किये। तबले पर गौरव मौर्य,आक्टोपेड पर शुभम व्यास और कीबोर्ड पर अक्षय कुमावत ने भरपूर संगति की।
संविधान भाग 3 के अनुच्छेद ‘’बारह से पैंतिस’’ को नाटक के व्दारा मौलिक अधिकारो के सम्बंध में समानता,स्वतंत्रता,शोषण के विरूद्ध आवाज उठाना एवं जाति,लिंग,धर्म तथा मूल वंश के आधार पर किसी भी प्रकार का भेदभाव वर्जित हैं को आधार मानकार प्रेमचंद की तीन कहानियों कि नाट्य प्रस्तुति रंगरूपिया थियेटर के रवि जोशी के निर्देशन मे की गई। एंव पुस्तक पोस्टर प्रदर्शनी भी लगाई गई जिसमें कबीर साहित्य की पुस्तकें एवं आकर्षक पोस्टर प्रदर्शित किये गये थे।
अन्त में माही सोश्यल सोसायटी भोपाल की ओर से भीष्म साहनी के नाटक ‘कबीरा खड़ा बाजार में’ की प्रस्तुति दी गई जिसमें कबीर के जीवन से जुड़े प्रसंगो का प्रभावी प्रदर्शन किया गया मजहबी कट्टरपंथ,धार्मिक आड़म्बर पर कबीर कि वेबाकी को उभारा गया। मुख्य भूमिका में अजय श्रीवास्तव,जूली प्रिया ने अच्छा अभिनय किया। निर्देशक थे निजाम पटेल । समापन पद्म श्री प्रहलाद सिंह टिपाण्या के समापन भाषण से हुआ उन्होंने कार्यक्रम के आयोजको को साधुवाद दिया तथा ऐसे आयोजनो की निरंतरता आज कि जरूरत बताया।
कबीर जन उत्सव का एक विशेष आकर्षण था जनसमुदाय की जनफेरियाँ जो कि अलग-अलग क्षेत्रों से निकलकर तीन इमली चौराहा, भील कॉलोनी सामुदायिक भवन, रेल्वे पुलिस लाइन क्वार्टर चौराहा, संत गाडगे चौराहा मालवीय नगर इन्दौर में आकार समाप्त हुई जहॉं संवैधानिक मूल्य जल संरक्षण एवं कबीर के जन जागरूकता अंधविश्वास सामाजिक बुराईयो के संदेश भजन के द्वारा दिये गये । बच्चे कबीर वाणी एवं जन जाग्रती के पोस्टर हाथ में लिए हुए थे। गायक रामविलास महेंदिया, राजेश सिंगार, रामूपटेल, जीवादास, कैलास मालवीय, मनोज देसाई, शारदादेवड़ा, मुकेश चौहान, दिलीप चौहान, लाखन मंडलोई, विक्रमसिंह बोरदिया और शिवनारायण चौधरी मंडली डकाच्या एवं साथियो ने तन्मयता से भजन प्रस्तुती की।
संयोजक डॉं. सुरेश पटेल ने आयोजनके महत्व और उद्देशय पर प्रकाश डाला, स्वागत भाषण छोटेलाल भारती ने दिया स्वागत राजेन्द्र गोयल,डॉं. हैमा डांड, अनूपा, मुकेश करोले, सोनू पाटिल, प्रदीप कोरी ने किया। डॉं. चारु शीला मौर्य ने आभार प्रदर्शन किया कार्यक्रम का संचालन इन्दौर आकाशवाणी के पूर्व उद्घोषक शशिकान्त व्यास ने किया।
31 मार्च 2019 :
कबीर व्याख्यान एवं सत्संग समारोह – कबीर के वरिष्ठ गायक भेरूसिंह चौहान द्वारा झलारा बेटमा में कार्यक्रम रखा गया था। जिसमें कबीर के विद्वानो एवं संतो ने व्याख्यान दिये। रामनारायण स्याग,सुरेश पटेल, छोटेलाल भारती,डॉं. चारुशीला मौर्य ने भागीदारी की ।
24 मार्च 2019 :
कबीर रंगोत्सव- भील कॉलोनी मूसाखेड़ी, इन्दौर के सामूदायिक भवन में कबीर युथ ग्रुप के युवा युवतियों एवं बाल समूह ने तैयारियॉ की परम्परागत होली के गीत गाये नृत्य किया। करीब 150 महिला पुरूषों युवा युवतियों ने बच्चों ने सहभागिता की ।
10 मार्च 2019 :
झाड़ उखाड़ हनुमान पर कबीर भजन – 10 मार्च 2019 को झाड़ उखाड़ हनुमान, नाचनबोरा घाट में कबीर समूह द्वारा भजन कार्यक्रम रखा गया। जिसमें समूह की गायन मण्डली ने भजन प्रस्तुत किये। इन्दौर से करीब 60 कि.मी. आदिवासी क्षेत्र में विगत 20 वर्षो से क.ज.वि.स. के गायक कबीर के गायन से सामाजिक बदलाव जैसे मृत्यु भोज, नशाबंदी, पर्यावरण पर जमीनी कार्य करते हैं। जिसका प्रभाव आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में व्यापक पड़ा हैं। करीब 200 व्यक्तियों की भागीदारी रही। शिवनारायण चौधरी द्वारा दाल बाफले का भोज भी आयोजित किया।
2-4 मार्च 2019 :
शहीद अश्विन काछी की याद में 2 मार्च से 4 मार्च तक ग्राम बंडा जिला कटनी में रामजी हल्दकार एवं कृष्णकुमार हल्दकार के प्रयासों से उक्त कार्यक्रम रखा गया था कबीर जन विकास समूह की पूरी टीम ने भागीदारी की तथा संस्था की और से सुरेश पटेल ,छोटूलाल भारती ने भागीदारी की। प्रीति सिंगार ने अंधश्रृद्धा निर्मूलन दूर करने के लिये जादू दिखाये एवं व्याख्या की। कबीरवाणी,साहित्य की प्रदर्शनी लगाई गई।
इस अवसर पर माही सोशल सोसायटी भोपाल द्वारा भीष्म साहनी द्वारा लिखित एवं निजाम पटेल द्वारा निर्देशित नाटक, ‘कबीर खड़ा बजार में’ भीषण वर्षा के दौरान प्रस्तुत किया गया।सनाथ साहब रीवा, मूरत साहब कटनी, संतोष साहब सिवनी के प्रवचन हुए ।
इस आयोजन में करीब 100 गॉव के लोग एकत्रित हुए, 500 व्यक्तियों को कबीर की जनजागरूकता की वाणियों एवं कार्यक्रम से एकता,प्रेम,सदभावना,वैज्ञानिकता का प्रभाव पड़ा।
26 जनवरी 2019 :
गणतंत्र दिवस भील कॉलोनी में झण्डा वंदन के साथ मनाया गया एवं बच्चो ने अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया।
3-16 दिसम्बर 2018 :
भील कॉलोनी के सामुदायिक भवन में कबीर के सहजयोग पर एक 15 दिवसीय योग शिविर किया गया। जिसकी मूल अवधारणा सुरेश पटेल जी की यह थी कि कबीर साहब ने सहज समाधि की अपनी वाणी में बहुत चर्चा की हैं तथा योग के पाखण्ड़ो की आलोचना । अत: लुप्त प्राय ‘सहज योग’ की क्रियाओं को सहजता से पुन: जाग्रत करने की जरूरत हैं। करीब 40 प्रतिभागियों ने हिस्सेदारी की बच्चों को गुल्लक एवं प्रमाण पत्र दिये गये सहज आसन,प्राणायाम सिखाये गये।
4 अक्टूबर 2018 :
अजीम प्रेमजी फाउण्डेशन महेश्वर केन्द्र पर कन्या शाला महेश्वर में शिक्षकों एवं समाजजनों के बीच उत्कृष्ट विद्यालय कसरावद में छात्रों के बीच कबीर को समाज एवं संविधान से जोड़कर देखने पर पता चलता हैं कबीर का समता,बंधुता का विचार ही संविधान में मुखर होता हैं।
2 सितम्बर 2018 :
अजीम प्रेम फाउण्डेशन खरगोन में 2 सितम्बर 2018 को शिक्षको के बीच उत्कृष्ट विद्यालय में परिचर्चा आयोजित की गई । जिसमें तारा सिंह डोडबे के भजन एवं रामनायारण स्याग,सुरेश पटेल द्वारा संविधान के समता,न्याय,स्वतंत्रता,वंधुता की भावना एवं कबीर विचारकी समानता से जोड़कर शिक्षकों एवं समाजजनों के साथ सार्थक चर्चा हुई। कालूराम जी शर्मा के सौजन्य से कार्यक्रम हुआ।
25 अगस्त 2018 :
कहत कबीर पुस्तक पर चर्चा – मध्यभारत हिन्दी साहित्य समिति एवं कबीर जन विकास समूह के संयुक्त तत्वाधान में डॉ सुरेश पटेल द्वारा संपादित पुस्तक ‘कहत कबीर’ पर चर्चा हुई जिसमें वरिष्ठ साहित्यकार, सरोजकुमार, चिंतक चिन्मय मिश्र एवं रविवार पत्रिका के संपादक सुभाष खण्डेलवाल ने पुस्तक के अंशो के उदाहरण देते हुये उसकी जरूरत एवं सार्थकता बताई। अध्यक्षता प्रो. सूर्यप्रकाश चतुर्वेदी की हावर्ड विश्वविद्यालय की अध्येता अम्बा सराह काल्डवेल एवं कबीर गायक पद्श्री प्रहलाद सिंह टिपान्या ने भी भागीदारी की और कहा यह पुस्तक कबीर की सामाजिक दृष्टि पर प्रकाश डालती है और दुर्लभ पद इसमें संयोजित किये गये हैं।
28 जून 2018 :
कबीर व्याख्यान एवं गायन – डॉं. राजेन्द्र मालवीय के सौजन्य से एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें कबीर जन विकास समूह ने भागीदारी की। डॉ सुरेश पटेल ने कबीर के सामाजिक सांस्कृतिक आंदोलन एवं उनके जीवन तथा शिक्षाओं पर प्रकाश डाला। प्रीति सिंगार ने कबीर भजनों की प्रस्तुति दी गई। जीवन लता जी खेड़े का संत कबीर एवं सिंगाजी पर भजन संगीत का कार्यक्रम हुआ 2000 लोगो की भागीदारी रही।
24 जून 2018 :
कबीर जनउत्सव – इस वर्ष 24 जून 2018 को इन्दौर के सात चौराहो पर कहत कबीर जनफेरीयॉ निकाली गई ।
उद्घान सत्र –
इस कार्यक्रम का प्रारंभ प्रीति सिंगार के कबीर गायन से हुआ डॉ सुरेश पटेल द्वारा संपादित एवं अनुवादित पुस्तक ‘कहत कबीर’ एवं ‘कबीर गायन और सामाजिक बदलाव’ का विमोचन किया गया। डॉं. प्रकाशकांत वरिष्ठ साहित्यकार, एवं डॉ. श्रीराम परिहार ने पुस्तक को दुर्लभ साधना का परिणाम बताते हुये उपयोगी बताया।
अंतराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय, वर्धा के शोध छात्र गजेन्द्र पाण्डेय ने शास्त्रीय ,अजय एवं शिवानी गांगोलिया ने लोक में कबीर के पारम्परिक पदों की प्रस्तुति दी ।
सांस्कृतिक सत्र :
भील कॉलोनी (मूसाखेड़ी) के बालक-बालिकाओं ने क्रांति ज्योति सावित्री फुुले का नाटक की प्रस्तुति दी जो कि पहली महिला शिक्षिका सावित्री बाई फुुले के जीवन संघर्षो को एवं तत्कालीन दकियानुसी समाज की मनोवृत्ति को बखुबी दर्शाता हैं। नाटक की खास बात यह भी कि ये बालक-बालिकायें पहली बार मंच में उतरे थे नाटक को दर्शकों से बहुत प्रशंसा मिली। निदेशक थे रंगरूपिया थियेटर के रवि जोशी ।
आदिवासी नृत्य :
युवा समूह के करीब 30 युवक-युवतियों ने अपनी कल्पनाशीलता का रंग भरते हुये लय,ताल,गति,ऊर्जा के साथ प्रभावी आदिवासी नृत्य प्रस्तुति दी।
पंथी नृत्य :
लोक नृत्यों मे सबसे तीव्रगति का नृत्य पंथी नृत्य मिलापदास बंजारे ग्रुप मिलाई की प्रस्तुति कबीर जन उत्सव को विशिष्ट पहचान दे गई। अंतराष्ट्रीय पंथी नृत्य मंडली,छत्तीसगढ़ के कलाकारों ने ऊर्जा का संचार कर दिया। गुरू घासीदास जो कि कबीर परम्परा के संत है एवं उनका संदेश ‘मानव-मानव एक समान’ प्रमुख रूप से गाया जाता हैं।
6 मई 2018
भूरी टेकरी इन्दौर
बालक-बालिकाओं की लैंगिंग शोषण से बचाव कार्यशाला – 6 मई 2018 की दीपरेखा सामाजिक संस्था की कार्यकर्ता शिवानी वाजपेई जिन्होने स्वास्थ,
शिक्षा एवं लैगिंग समानता के क्षेत्र में प्रभावी कार्य किया है ने
प्रशिक्षण दिया।
कबीर गायन से सामाजिक बदलाव कार्यशाला – प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष 6 मई 2018 को कबीर गायन और सामाजिक बदलाव कार्यशाला,
भूरी टेकरी,इन्दौर में रखी गई। 12 भजन मण्डलियों के गायक एवं वादकों के
साथ कबीर 200 अन्य समुदाय के
लोग थे। 2017 में जो गायक
प्रशिक्षत हुये थें उनमें
से अधिकॉंश मण्डलियॉ इस कार्यशाला में उपस्थित
थी।
गायकों का प्रस्तुति करण, अच्छी तरह हो और वे
कबीर के विचारों को जो कि
समाजिक बदलाव एवं जागरूकता संबंधी हैं
उन्हें मुख्य धारा में लाये एवं
गायन में उनकी कोई बाधायें हो तो
उन्हे दूर करने का कबीर जनविकास समूह प्रयास करता रहा हैं,
एवं अनेक स्थानों पर गायको पर गायकों को
मंच मिल सके इसके लिये प्रयासरत रहा हैं,
जिसमें अनेक नये पुराने गायक अच्छे
मुकाम हासिल कर हैं।
3 मई 2018 :
कबीर समारोह – कबीर जन विकास समूह के शुरूआती साथी तारसिंह डोडवे, कबीर गायक के प्रयासों से देवास जिले के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र पूंजापुरा में एक विशाल कबीर समारोह आयोजित किया गया था जिसमें करीब 5000 जन समुदाय एकत्र हुआ पद्मश्री प्रहलाद सिंह टिपान्या, मूरालाला (कच्छ) गुजरात, कालूराम, बामनिया ने भजन प्रस्तुत किये। जीवन सिंह ठाकुर,निदेशक प्रेमचन्द सृजन पीठ,श्रीराम परिहार, डॉ. सुरेश पटेल,सत्यानंद सत्य ने विचार व्यक्त किये।
14 अप्रेल 2018 :
14 अप्रेल 2018 डॉ भीमराव आम्बेडकर जयंती का इन्दौर के पूर्वी क्षेत्र भूरी टेकरी के सामूदायिक भवन मे आयेजन किया गया वंचित समुदाय के करीब 250 स्त्री पुरूषों ने हिस्सा लिया । मुख्य वक्ता डॉ भीमराव आम्बेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय के पूर्व कुल सचिव, डॉ. आर.डी.मौर्य ने अपने प्रभावी,उद्बोधन में कहा कि दलितों को शिक्षा , संपत्ति एवं हथियार रखने का अधिकार नही था । जातिगत कारणों से बाबा साहब को मकान नहीं मिला, जाति छिपाकर पारसी के यहॉं रूकना पडा , अपमान के कारण रोए । यही बड़ोदा उनकी संकल्प भूमि बनी बाबा साहब ने संविधान लिखकर अपनी कलम से सब विषमताओ को काटा । कानून की नजर में तो सब बराबर हो गये पर सामाजिक रूप से बराबरी आज भी नहीं हैं । कल्याणकारी राज्य का दायित्व है कि एक सी शिक्षा सभी को उपलब्ध कराये । अमीर तो पढने विदेश चले जायेंगे पर गरीब क्या करेंगे । समता मूलक समाज की स्थापना करना है तो संरचनात्मक सुधार करना जरूरी है । केशरी सिंह चिड़ार ने भी अपने विचार व्यक्त किये । प्रीति सिंगार एवं अन्य महिला मंडलियों ने कबीर के भजन प्रस्तुत किये ।
1 अप्रेल 2018 :
कबीर जन विकास समूह ने अपने कार्यो का विस्तार किया तथा कबीर वैचारिकी को जमीनी स्तर पर ले जाने का प्रयास किया।
18 जून 2017 :
ज्योतिबा फुले, वर्ल्डकप , माघवरावसिंधिंया एवं संत गाडगे चौराहा,इन्दौर में स्थानीय समुदाय ने कहत कबीर जनफेरी निकाली चौराहों पर कबीर गायन हुआ। डॉ विपिन व्यौहार अध्यक्ष लोक सेवा आयोग, कपिल तिवारी पूर्व सचिव आदिवासी लोककला एवं तुलसी साहित्य आकादमी भोपाल ने व्याख्यान दिये अध्यक्षता डॉं. अशोक कृष्ण डीन कषि महाविद्यालय इन्दौर ने की।
निमाड़ी लोक में कबीर एवं सिंगाजी पर प्रख्यात लाेेकगायिका जीवन लता खेड़े एवं साथियों ने गायन की प्रस्तुति दी। छत्तीसगढ़ रायपुर की सूफी गायिका किरण शर्मा ने सूफी संगीत प्रस्तुत किया एवं निसार अली के निर्देशन में नाचा थियेटर प्रस्तुत किया।
उक्त सभी कार्यो से कबीर के विचारों कार्यो की चेतना हजारो नर-नारियों, युवको बच्चों में जाग रही हैं तथा प्रेरणा पाकर अनेक व्यक्ति संगठन एक कर्मशील सुसंस्कृत, समतामूलक समाज बनाने के लिए कृत संकल्पित हो रहे है।
इन कार्यों से समाज में एक सकारात्मक एवं क्रियाशील समाज का निर्माण हो रहा है । लोक एवं समाज में प्रचलित कलाओं के विलुप्त होने कलाकारों को संवल मिला हैं वहीं नवाचारी कला रूप भी जन्म ले रहे हैं।अंधविश्वास,छुआछूत ,पाखंड,जाति भेद, स्त्री-पुरुष असमानता, सामप्रदायिकता, महिला एवं बाल उत्पीड़न जैसी संविधान एवं मानवता विरोधी मानसिकता भी बदल रही हैं। समूह के कार्यो से एक विशाल जन समुदाय को जागृत करने का वातावरण बना हैं जो समाज,देश के लिए उपयोगी हैं।
11 जून 2017 :
मध्यभारत हिन्दी साहित्य समिति इन्दौर एवं कबीर जन विकास समूह के तत्वाधान में कबीर जयंती मनाई गई।
जिसमें कबीर की प्रासंगिकता एवं उनके विचारो एवं कार्यो की आज के समय मे जरूरत पर गहन चर्चा हुई कबीर के सामाजिक बदलाव के पदो का गायन हुआ
10 जून 2017 :
रूपांकन 2 माहदेव तोतला नगर में अंधश्रद्धा निर्मूलन हेतू प्रदर्शन एवं व्याख्या की गई। पचास व्यक्ति एवं छात्र सम्मलित हुयें।
9 जून 2017 :
‘कबीर के तेवर’ की कविता का आयोजन मध्यभारत हिंदी साहित्य समिति में किया गया जिसमें हरिओम राजोरिया, बहादूर पटेल,देवेन्द्र रिणवा ने कविताऍं प्रस्तुत की ।
कार्यक्रम का प्रख्यात व्यग्यकार जवहार चौधरी जी ने उद्घाटन किया ।
सोनल शर्मा (कवियत्री ) काली चाट फिल्म के निर्देशक निर्माता सुंधाशु शर्मा, संदीप नाईक, शिवनारायण चौधरी ,सत्यनारायण पटेल, मनीष वैद्य एवं नगर के प्रसिद्ध साहित्यकार एवं कवि तथा गणमान्य नागरिको ने भागीदारी की ।
21 मई 2017 :
अंधश्रद्धा निर्मूलन की एक कार्यशाला जीवनशाला विसर्जन आश्रम में हुई जिसमें 15 स्रोत व्यक्तियोंको अंधश्रद्धा दूर करने के लिये प्रशिक्षण दिया गया इस अवसर पर आनंद मोहन माथुर (वरिष्ठि अधिवक्ता एवं समाज सेवी) ने विचार व्यक्त किये 6 स्रोत व्यक्ति तैयार हुये।
1मई 2017
1मई 2017 को मई दिवस जो कि संस्था का स्थापना दिवस भी है मे भूरी टेकरी , भील कॉलोनी , चौहान नगर, मालवी नगर के हजारो मजदूरों ने मजदूर दिवस पर रैली मे भाग लिया तथा मजदूरों की एकता एवं अधिकार तथा जागरूकता संबंधी चर्चाए हुई ।
14 अप्रेल 2017 :
14 अप्रेल 2018 डॉं.भीमरॉव अम्बेड़कर जयंती का इन्दौर के पूर्वी क्षेत्र भूरी टेकरी के सामूदायिक भवन में आयोजन किया गया इस अवसर पर ‘डॉ आम्बेडकर जीवन और दर्शन’ लेखक विजय कुमार पुजारी एवं ‘अछूत कोन और कैसे’ के प्रसंगो पर चर्चा हुई । छोटे लाल भारती , केशरी सिंह चिड़ार ,चारूशीला मौर्य, प्रीति सिंगार, लाखन मण्डलोई की भागीदारी से युवा वर्ग में संविधान ,शिक्षा ,संगठन के बारे में चेतना जाग्रत हुई ।
18 जून 2016 :
कबीर जन उत्सव 2016 बहुत ही अर्थवान रहा सफाई, भजन एवं कबीर संदेश की कहत कबीर जन फेरी ज्योतिबा फूले वर्ल्डकप,माधवराव सिंधिया, बंगाली,खजराना और संत गाडगे चौराहे पर जन समुदाय द्वारा उत्साह से निकाली गई। वैचारिक सत्र में डॉ विपिन त्यौहार अध्यक्ष म.प्र. लोक सेवा आयोग,वरिष्ठ साहित्यकार सरोजकुमार, कबीर मर्मज्ञ आलोचक मेनेजर पाण्डेय के व्याख्यान हुये ।अंधविश्वास निवारण एवं प्रदर्शनी अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति पुणे द्वारा प्रस्तुत की गई अध्यक्ष अविनास पाटिल का व्याख्यान हुआ प्रेम मनमोजी एकलव्य भोपाल ने जादू के चमत्कार दिखाकर व्याख्या की।
सरिता मक्हार्ग अंतर्राष्ट्रीय गायिका हैं एवं मेलवोर्न, आस्ट्रेलिया में निवास करती हैं ने कबीर गायन विविध शैलियों में प्रस्तुत किया।
7-9 अगस्त 2016 :
अंधश्रद्धा निर्मूल समिति के संस्थापक डॉं. नरेन्द्र दाभोलकर की पुण्य तिथि में आयोजित सेमीनार में संस्था के सुरेश पटेल एवं छोटेलाल भारती केशरी सिंह चिड़ार भाग लेने गये तथा अंधश्रद्धा निर्मूलन के कार्य को मध्यप्रदेशमें विस्तार करने की योजना बनाई। वर्षभर अनेक गोष्ठियॉं ,मार्गदर्शन सशक्तीकरण कार्यशालायें हुई।
20 जून 2015 :
कबीर जन उत्सव कृषि महाविद्यालय, इन्दौर सभागृह में मनाया पिपल्याहाना चौराहा से कहत कबीर जन फेरी निकाली गई जो कृषि महाविद्यालय चौराहे पर समाप्त हुई। स्वरांगनि संस्था के बच्चोंका कबीर पद गायन मुख्य अथिति डॉं बी.आर. अम्बेड़कर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ आर.एस.कुरील ,अध्यक्षता डॉं. ए.एम. राजपूत अधिष्ठाता कृषि महाविद्यालय इन्दौर संत अशोक दास , डॉं प्रकाश कांत, कृष्णकांत निलोसे के व्याख्यान,अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति पुणे द्वारा ‘अंधश्रद्धा का मायाजाल’ विषय पर प्रदर्शन एवं व्याख्या हिन्दी में अंजना सक्सेना तथा आदिवासी लोक धुन में कबीर तारासिंह डोडवे,भोजपुरी मेंं कबीर,गायक रामप्रसाद,इकतारे पर कबीर ,चुनार मिर्जापुर एवं मालवी लोक में कबीर गुरुचरण ,कालू राम बामनिया एवं भेरू सिंह चौहान ने कबीर गायन की प्रस्तुति दी । जबलपुर के डब्बल चौधरी ने पडवानी शैली में बहुत ही प्रभावी कबीर की सांगीतिक प्रस्तुति दी साथ ही सामाजिक विषमता,अन्याय, शोषण, अत्याचार और नासमझी से पीडि़त मानवता को समझाईस भी दी ।
19 जून 2014 :
कबीरजन उत्सव 2014 नींव केन्द्र खजराना,बंगाली चौराहा,पीपल्याहाना,ज्योतिबा फूले चौराहा ,मुसाखेड़ी से कहत कबीरजनफेरियॉं निकाली गई सायं काल कबीर चौरामठ(मूल गादी) के प्रमुख वाराणसी का व्याख्यान भीष्म साहनी का नाटक कबीरा खड़ा बाजार में रवि जोशी रंगरुपिया थियेटर ग्रुप द्वारा किया गया कृषि महाविद्यालय,इन्दौर में ।
17 मार्च 2014 :
‘नन्हे मोती’ पर रंग कबीर का आयोजन जिसमें कवि विजय विश्वकर्मा , वेद हिमांशु, लेखक सत्यनारायण पटेल की सहभागिता अंजना सक्सेना एवं तारासिंह डोडवे का कबीर गायन ।
3 फरवरी 2014 :
संस्था कार्यालय पर कबीर भजन एवं चर्चा विशेष आमंत्रित अनिल त्रिवेदी (समाज सेवी एवं विचारक)
1 अप्रेल 2014 से 31 मार्च 2015 तक :
कबीर साहित्य पर शोधछावों को विविध आयामों पर शोध के लिए मार्ग दर्शन।
वर्ष भर इन्दौर एवं आस-पास के पिछडे़ क्षेत्रों में विचार गोष्टियॉं संरचना विकास, जनजागरुकता कार्यक्रम।
8 अगस्त 2010 :
संचार माध्यमों से फैलता अंधविश्वास और कबीर वाणी संत विवेकदास का व्याख्यान मध्यभारत हिन्दी साहित्य समिति, इन्दौर कबीर गायन तारासिंह डोडवे, दीपा शानी,अरुण गोयल।
5 मार्च 2009 :
युवक युवतियों को कॅरियर एवं रोजगार संबंधी मार्गदर्शन।
28 सितम्बर 2009 :
ग्राम- मुरवारी , टगर, उमरिया में कबीर भजन के कार्यक्रम एवं संरचना विकास
4 अप्रेल 2008 :
भूरी टेकरी इन्दौर में अनहद योग का प्रशिक्षण स्वच्छता अभियान अन्ना भाऊ साठे नगर ,मूसाखेडी,इंदौर ।
24 जून 2007 :
प्रभात फेरी, सफाई अभियान,स्वास्थ शिविर कबीर के विचारों पर गोष्ठियॉं भजन कार्यक्रम वर्ष भर मूसाखेड़ी , भूरी टेकरी एवं आस-पास इंदौर मे।
17 दिसम्बर 2006 :
ढाई आख़र प्रेम का ‘ कबीर पद्धति से अन्तर जातीय विवाह मध्यभारत हिन्दी साहित्य समिति, इन्दौर में।
13 अक्टूवर 2006 :
ग्राम डगडगा हिनोता जिला जबलपुर में व्याख्यान आचार्य विवेकदास प्रमुख कबीर चौरामठ वाराणसी , लिंडा हैस, अमेरिका ज्ञान रंजन सम्पादक पहल अरूण पाण्डेय (रंगकर्मी),प्रहलाद सिंह टिपान्या का गायन प्रख्यात चित्रकार जगदीश पटेल के चित्रों की प्रदर्शनी।
11-12 अक्टूवर 2006 :
कबीर व्याख्यान माला स्थान टगर अखबार ‘भोर का पंछी’ का विमोचन,आचार्य विवेकदास लिंडा हैस, प्रहलाद सिंह टिपान्या , श्री महेंन्द्र हार्डिया विधायक , संतो एवं अनेक गणमान्यों की उपस्थिति समूह की प्रेरणा से।
30 जून 2005 :
कबीर जयंती समारोह सफाई फेरी फिल्म प्रदर्शन ,चित्रांकन(आशोक दुबे एवं भारती सरवटे द्वारा प्रशिक्षण) मूसाखेड़ी इन्दौर ।
29 अक्टूबर 2004 :
युवाओं का मार्गदर्शन शिविर, मध्यभारत हिन्दी साहित्य समिति इन्दौर
25 मई 2004 :
छुआछूत ,जातिवाद दूर करने वावत् भजन सरदारपुर, सुद्रेल, नाहरपुरा में तारसिंह डोडवे द्वारा।
3 जून 2004 :
कबीर जयन्ती पर भील पल्टन मूसाखेड़ी में सफाई फेरी, दीवार अखबार, महिला गोष्ठी, नशा मुक्ति के संकल्प कराये गये।
25 मई 2004 :
छुआछूत एवं जातिवाद की समाप्ति के लिए विमर्श ।
17 फरवरी 2004 :
विज्ञान अभिरुचि, विज्ञान के प्रयोग, करके देखो, तर्क शक्ति का विकास, हुनर विकास पर ‘जिन खोजा तिन पाईयाँ’ कार्यशाला ।
1जनवरी 2003 :
पुस्तिका ‘कबीरका समय’, ‘कबीर की जरूरत’, ‘साखी ऑखी ज्ञान की’ का प्रकाशन ।
अनियतकालीन पत्र अनभै का प्रकाशन।
1 सितम्बर 2003 :
‘कबीर प्रसंग लिंडा हैस द्वारा ‘आधुनिक एवं समृद्ध अमरीकी समाज में कबीर के कार्यो एवं विचारों से सरोकार’ पर व्याख्यान प्रहलाद सिंह टिपान्या, सरोजकुमार, रामनारायण स्याग, छोटेलाल भारती, सुरेश पटेल , नरहरि पटेल, प्रकाशकांत , दिनेश शर्मा एवं जमीनी कार्यो से जुड़े साथियों के बीच वैचारिक विमर्श।
14 जून 2003 :
कबीर जयन्ती समारोह, मध्यभारत हिन्दी साहित्य समिति, इन्दौर
24 नवम्बर 2002 :
जीन फॉगो शारिदा, हालेण्ड ने ‘जुगाड़ स्कूल’ के बच्चों के साथ ‘ब्रेकिंग द फ्यूचर’ डाक्यूमेंट्री बनाई।
5 अगस्त 2002 :
बाल समागम शिविर भील कॉलोनी,इन्दौर ।
लिंडा हैस धर्म एवं संस्कृति विभाग स्टेनफोर्ड युनिर्वसिटी, अमेरिका व्दारा जुगाड़ स्कूल एवं भील कॉलोनी का अवलोकन।
2001 :
चाईल्ड लाईन संयोगितागंज में बाल सभा में ‘अंधविश्वास से मुक्ति’ प्रदर्शन एवं व्याख्या।
बाल समागम शिविर, अभिव्यक्ति,तर्क-शक्ति, जिज्ञासा, विज्ञान की समझ बढ़ाने के लिये सतवास में 85 बच्चो की भागीदारी ।
जल संवर्धन हेतु एवं डॉ. दीपक खरे का व्याख्यान,प्रदर्शनी एवं कार्यशाला।
शाला त्यागी बच्चों की समस्यायें, साम्प्रदायिकता पर विचार-विमर्श गोष्ठियाँ , सफाई फेरियां पिछड़ी वस्तियों में।
2000
भील कालोनी मूसा खेड़ी इंदौर में बाल
गतिविधि केन्द्र की स्थापना
‘जिन खोजा तिन पाइयॉं कार्यशाला’ शासकीय कन्या माध्यमिक विद्ययालय क्र. 20 खजराना 300 बच्चों ने भागीदारी की।
1998 :
अन्नाभाऊ साठे नगर, इन्दौर में पन्नी बीन्ने वाले बच्चों के लिये ‘जुगाड़ स्कूल’ की स्थापना 1000 बच्चे प्रेरित हुये।
गायक कलाकार :
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- पद्मश्री प्रहलाद सिंह टिपान्या कबीर गायक,मालवी लोक शैली में कबीर https://youtu.be/mceNVZxe50Q
https://youtu.be/zRuOAjnY5aQ - डब्बल चौधरी (कबीर गायक) पंडवानी शैली के कबीर गायक
- रामप्रसाद (कबीर गायक) भोजपुरी में कबीर https://youtu.be/drbIC_pwPGc
- नन्दन बाबा (कबीर गायक) इकतारे में कबीर
- तारासिंह डोडवे (कबीर गायक) मालवी लोक शैली में https://youtu.be/pVAw-w9pmcA
- भेरूसिंह चौहान (कबीर गायक मालवी में कबीर) https://youtu.be/Vb7yhJCa_Nw
- कालूराम वामनिया (कबीर गायक ,मालवी) https://youtu.be/H3Fg_JSZz10
- प्रीति सिंगार (ताना-बाना ) https://youtu.be/I3SPRwRQH9c
- सरिता मक्हार्ग (विविध शैलियोमें कबीर गायन)
- कलापनी कोमकली (शास्त्रीय गायन)
- गजेन्द्र पाण्डेय (शास्त्रीय गायन)
- जीवन लता खेडे (निमाडी लोक में कबीर)
- पद्मश्री प्रहलाद सिंह टिपान्या कबीर गायक,मालवी लोक शैली में कबीर https://youtu.be/mceNVZxe50Q
नाटक –
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- गिरगिट : लेखक- अंतोन चैखव, निर्देशक- प्रांजल क्षेत्रिय
- 2014 ‘कबीर खड़ा बाजार में : लेखक- भीष्म साहसी, निर्देशक-रवि जोशी
- 2018 क्रांति ज्योति सावित्री फुले : लेखक -चेतन्य शाह, निर्देशक-रवि जोशी
- 2019 बारह से पेंतीस (मुंशी प्रेमचंद की कहानी सदगति, सवासेर गेेहूॅूँ एवं ठाकुर का कुऑं पर आधारित संवैंधानिक मूल्यों का बौध कराते नाटक निर्देशक–रवि जोशी, रंगरुपिया थियेटर इन्दौर
- 2019 कबीर खड़ा बाजार में :लेखक –भीष्म साहनी,निदेशक–निजाम पटेल, माही सोशियल सोसाईटी भोपाल
नृत्य –
- 2018 आदिवासी नृत्य आदिवासी यूथ ग्रुप की प्रस्तुति कबीर मंडल मूसाखेड़ी द्वारा कृषि महाविद्यालय इंदौर में ।
- 2018 पंथी नृत्य भिलाई छत्तीसगढ़ निदेशक- मिलाप दास बंजारे अंतराराष्ट्रीय एवं पंथी नृत्य मंडल
- 2018 ‘नाचा'(छत्तीसगढ का लोक नृत्य) निदेशक निसार अली नाचा थियेटर रायपुर
- 2019 ताना-बाना (उदय प्रकाश की कविता ताना-बाना की नृत्य एवं सांगितिक प्रस्तुति गायिका प्रीति सिंगार नृत्य निदेशक प्रवीण जामरा ,कबीर यूथ ग्रुप मूसाखेड़ी की प्रस्तुति
https://youtu.be/I3SPRwRQH9c