About us

।।मोको कहॉं ढूढे रे बंदे, मैं तो तेरे पास में ।।

क‍बीर जन विकास समूह एक पंजीकृत संस्‍था है, जिसका पंजीयन म.प्र. सोसायटी एक्‍ट 1973 के तहत हुआ । जो 1998 से वंचित समुदाय के बच्‍चों की शिक्षा एवं समग्र विकास, विज्ञान सम्‍मत विचार धारा का प्रचार,प्रसार सामाजिक ,सांस्‍कृतिक एवं साहित्यिक कार्यो मे सक्रिय भागीदारी करता है। समूह में समाज के सभी वर्गों के व्‍यक्ति जैसे शिक्षक ,लेखक, छात्र, युवक-युवतियॉं, गायक,  मजदूर किसान अपने दैनंदिन कार्य के समय से कुछ समय समूह को देते  है। समूह का मानना है कि कबीर के कार्यो एवं विचारों से  कार्य संस्‍कृति का विकास करके एक समतामूलक समाज की स्‍थापना की जा सकती है।

उद्धेश्‍य :  


शिक्षा से वंचित बच्‍चों को पढाई के लिए प्रेरणा एवं मदद।
अंधविश्‍वास, छुआछूत, पाखंड, साम्‍प्रदायिकता, नशा, जैसे मुद्दों पर कबीर विचार एवं भजनों से जागृति।
विज्ञान सम्‍मत विचारधारा का प्रचार-प्रसार कार्यशालाऍंं।
युवक युवतियों को शिक्षा, रोजगार, समाज अनुसंधान एवं शोध हेतुु मार्गदर्शन।
कबीर भजन मंडल, नाट्य कार्यशालाएं, विचार गोष्ठियॉं, सेमीनार, साहित्‍य प्रकाशन, ऑडियो, वीडियो, फिल्‍म प्रदर्शन।
कबीर जन विकास समूह के नए केन्‍द्र खोलना।
समान विचारधारा के व्‍यक्ति,संस्‍थानोंं से मिलकर कार्य करना।
प्राकृतिक जीवन शैली कबीर का सहज योग एवं अन्‍य खेल-कूद गतिविधियां।

परामर्श मण्‍डल :

आचार्य विवेकदास

कबीर जन्‍म एवं कर्म स्‍थली, कबीर चौरामठ वाराणसी के चौबीसवें आचार्य कुशल संगठक, दृष्टिसम्‍पन्‍न विचारक जिनकी सोच वैज्ञानिक-आधुनिकता की ओर है। चालीस से अधिक पुस्‍तकें प्रकाशित। अंतर्राष्‍ट्रीय स्‍तर पर कबीर सम्‍बंधी अनेक परियोजनाओ के क्रियान्‍वयन में सक्रिय ।

डॉं. रामनारायण स्‍याग

नवाचारी शैक्षिक संस्‍था ‘एकलव्‍य’ में लम्‍बे समय तक काम किया।समावेश’  संस्‍था के सह संस्‍थापक । ‘दूसरा दशक’ राजस्‍थान के पाठ्यक्रम एवं सामग्री में स्रोत प्रशिक्षण में सक्रिय योगदान। चकमक क्‍लब जो कि बच्‍चोंके विकास व सहज अभिव्‍यक्ति का खुला स्‍थान है  की अवधारणा को जमीनी स्‍तर पर विकसित किया।  कबीर भजन एवं विचार मंच देवास के सह संस्‍थापक रहे हैं । कबीर जन विकास समूह के सह संस्‍थापक प्रेरक । ‘जनसाहस’ एवं ‘कम्‍युटिनी’  (CYC) के गवर्निंग बोर्ड में । संविधान एवं नागरिकता पर  देश व्‍यापी अधोसंरचना में सक्रिय ।

पद्मश्री प्रहलाद सिंह टिपान्‍या

मध्‍यप्रदेश के मालवा अंचल के पारम्‍परिक श्रेष्‍ठगायक, अन्‍तरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर कबीर गायन से ख्‍याति,अनेक प्रतिष्‍ठित सम्‍मान कबीर गायन से जनजाग्रति के कार्यो में सक्रियता।  संस्‍थापक सदगुरु कबीर स्‍मारक सेवा शोध संस्‍थान लून्‍या खेड़ी उज्‍जैन म.प्र. ।

डॉ. प्रकाश कांत

वरिष्‍ठ साहित्‍यकार,नवाचा‍री शिक्षाविद् , संस्‍कृतिकर्मी ,कबीर की सामाजिक दृष्टि के व्‍याख्‍याकार। कहानीकार, कहानी एवं  उपन्‍यास की नौ पुस्‍तकें प्रकाशित। सह-संस्‍थापक कबीर जनविकास समूह। सम्‍प्रति लेखन।

संचालक मंडल :

डॉ; सुरेश पटेल

अध्‍यक्ष :
1992 से कबीर के सामाजिक-सांस्‍कृतिक आंदोलन की अवधारणा की संरचना बनाने में सक्रिय ।कुशल संगठक सामाजिक,सांस्‍कृतिक,शैक्षिक एवं जन जागरूकता के कार्यों में संलग्‍नता ‘कहत कबीर’ एवं ‘देश कबीर का’ पुस्‍तकों का संपादन लेखन शैक्षिक डॉक्‍यूमेंटरी फिल्मों का निर्माण ज्‍योतिबा फुले अवार्ड 2002, अंजय तिवारी समाज सेवा सम्‍मान 2019 से सम्‍मानित संस्‍थापक कबीर जन विकास समूह।

उपाध्‍यक्ष:
 प्राध्‍यापक हिन्‍दीं,संस्‍कृत,अंग्रेजी एवं लोक साहित्‍य की भाषा समीक्षा में चालीस वर्षो से सक्रिय । तेईस पी.एच.डी. छात्रों का शोधनिर्देशन । मध्‍यकालीन भारतीय साहित्‍य लोक भाषा साहित्‍य अध्‍ययन-अध्‍यापन में विशेषज्ञता। सह संस्‍थापक कबीर जन विकास समूह ।

छोटेलाल भारती

सचिव :
सामजिक सांस्‍कृतिक , शैक्षिक कार्यो में गहरी संलग्नता । बच्‍चों के गतिविधि केन्‍द्र एवं चकमक क्‍लब की संरचना में विशेष भूमिका। कुशल संगठक मिल जुलकर कार्य करने की संस्‍कृति कें निर्माण में दिलचस्‍पी । विचारों से समतामूलक समाज की स्‍थापना के लिए सक्रिय।

मुक्‍ता पटेल

कोषाध्‍यक्ष   :
नेपथ्‍य में रहकर संस्‍था के जमीनी कार्यो को अंजाम देने में विशिष्‍ठ भूमिका । पूर्व संचालक अनहद अकादमी सक्रियता से संस्‍था के कार्यो में लगाव। सह संस्‍थापक कबीर जन विकास समूह ।

सह-सचिव :

लाखन मण्‍डलोई

परियोजना निदेशक  :
तंग वस्तियों के बच्‍चों की शिक्षा, व्‍यवसायिक प्रशिक्षण, नैतिक शिक्षा, महिलाओं एवं वृद्धों की समस्‍याओं के निदान के लिए गहन सक्रियता। कबीर के विचारों से अंधविश्‍वास के उन्‍मूलन के लिए कार्य। प्रतिष्ठित स्‍कूल की प्रशासक।

डॉ. चारूशीला मौर्य

Visiters

  • आचार्य विवेक दास कबीर चौरामठ प्रमुख, वाराणसी ।
  • पद्मश्री डॉ. पी.एस. हार्डिया प्रख्‍यात नेत्र रोग विशेषज्ञ, इन्‍दौर।
  • पद्मश्री शेखर सेन अध्‍यक्ष संगीत नाटक अकादमी ,अभिनेता,गायक, संगीतकार,दिल्‍ली ।
  • पद्मश्री प्रहलाद सिंह टिपान्‍या अंतराष्‍ट्रीय कबीर गायक अनेक देशों में कबीर गायन सम्‍मानित पुरस्‍कारों से सम्‍मानित  ।
  • लिंडा हैस , पूर्व अध्‍येता स्‍टेनफोर्ड युनिवर्सिटी ,धर्म एवं सांस्‍कृतिक विभाग,वर्कले अमेरिका ।
  • मुस्‍ताक अली, पूर्व क्रिकेटर कप्‍तान भारतीय क्रिकेट टीम, इंदौर ।
  • आंनद मोहन माथुर वरिष्‍ठ अधिवक्‍ता, समाजसेवी इन्‍दौर ।
  • सरोज कुमार,कवि एवं वरिष्‍ठ साहित्‍यकार, इन्‍दौर ।
  • कलापिनी कोमकली प्रख्‍यात शास्‍त्रीय गायिका ,सुशिष्‍या एवं पुत्री पद्मविभूषण कुमार गंधर्व ।
  • कपिल तिवारी, कबीर मर्मज्ञ पूर्व सचिव आदिवासी लोक कला एवं तुलसी अकादमी भोपाल ।
  • सरिता मक्‍हार्ग गायिका आस्‍ट्रेलिया ।
  • डॉ. श्रीराम परिहार वरिष्‍ठ साहित्‍यकार, ट्रस्‍टी भारत भवन भोपाल, सदस्‍य साहित्‍य अकादमी दिल्‍ली ।
  • निसार अली ,निदेशक, नाचा थियेटर,छत्‍तीसगढ़ ।
  • मेनेजर पांडे, प्रख्‍यात लेखक एवं आलोचक, दिल्‍ली
  • अविनाश पाटिल अध्‍यक्ष अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति, पुणे महाराष्‍ट्र ।
  • डॉ. प्रकाश कांत वरिष्‍ठ साहित्‍यकार ।
  • डॉ. आर.एस. कुरील पूर्व कुलपति डॉ. बाबा साहब आम्‍बेडकर सामाजिक विज्ञान वि.वि. महू ।
  • अम्‍बा सराह काल्‍डवेल, अध्‍येता कबीर विचार एवं भजन अमेरिका  ।
  • सूनील चतुर्वेदी, अनेक अंतराष्‍ट्रीय पुरस्‍कारों से सम्‍मानित फिल्‍म काली चाट के लेखक,उपन्‍याकार, ग्रामीणों के टिकाऊ विकास के लिए लम्‍बे समय से कार्यरत ।
  • कृष्‍णकांत निलोसे कवि ,वरिष्‍ठ साहित्‍यकार ।
  • डॉ. जवाहर चौधरी, प्रतिष्ठित व्‍यंगकार अनेक सम्‍मानो से सम्‍मानित ।
  • डॉं. विपिन व्‍यौहार पूर्व अध्‍यक्ष म.प्र.लोक सेवा  आयोग ।
  •  मंगलदास मंगलम योग विशेषज्ञ, कबीर मर्मज्ञ ।
  • महावीर अग्रवाल दुर्ग, सम्‍पादक ‘कबीर तेरे रूप अनेक’ एवं सापेक्ष  ।
  • डॉं. जगदीश जोशी, विशेषज्ञ योग एवं प्राकृतिक जीवन शैली  ।
  • बाला चैतन्‍य ,योग प्रशिक्षक ।
  • प्रकाश रावत, योग प्रशिक्षक  ।
  • स्‍वामी कैलाश भारती, संचालक ओशो सुमार्ग केन्‍द्र,इन्‍दौर ।


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